गुर्जर प्रतिहार वंश का इतिहास RPSC, REET, Patwari, SSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह वंश भारतीय इतिहास में अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम गुर्जर प्रतिहार वंश से जुड़े MCQs और पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs) का संग्रह आपके लिए लेकर आए हैं।

- प्रश्न 31 प्रतिहार शासक जिसने जालौर में अपनी राजधानी स्थापित की –
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- (अ) नागभट्ट 1
- (ब) वत्सराज
- (स) महेन्द्रपाल 1
- (द) मिहिरभोज
उत्तर : नागभट्ट 1
व्याख्या :
प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया। बाद में में इन्होंने उज्जैन को अपने अधिकार में कर लिया एवं उज्जैन उनकी शक्ति का प्रमुख केन्द्र हो गया।
- प्रश्न 32 निम्नलिखित में से कौन सा शासक गुर्जर-प्रतिहार राजवंश से संबंधित नहीं है –
RAS/RTS Comb. Comp. (Pre) Exam 2018 -
- (अ) नागभट्ट-2
- (ब) महेन्द्रपाल-1
- (स) देवपाल
- (द) भरत्रभट्ट-1
उत्तर : भरत्रभट्ट-1
व्याख्या :
भरत्रभट्ट-1 गुर्जर-प्रतिहार राजवंश से संबंधित नहीं है।
- प्रश्न 33 कन्नौज पर अधिकार हेतु चले त्रिपक्षीय युद्ध में राजपूताना के किस वंश के शासकों ने भाग लिया –
-
- (अ) चौहान
- (ब) गुर्जर प्रतिहार
- (स) परमार
- (द) गहलोत
उत्तर : गुर्जर प्रतिहार
व्याख्या :
भारतीय इतिहास में कन्नौज(कान्यकुब्ज में आयुध वंश) को प्राप्त करने के लिए के लिए पूर्व में बंगाल से पाल, दक्षिण से मान्यखेत के राष्ट्रकूट एवं उत्तर-पश्चिम से उज्जैन के प्रतिहारों के मध्य संघर्ष चला। इसे भारतयी इतिहास में ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ या ‘त्रिकोणात्मक संघर्ष’ कहा जाता है। त्रिकोणात्मक संघर्ष की शुरूआत वत्सराज ने की थी।
- प्रश्न 34 किस गुर्जर प्रतिहार शासक ने अपनी राजधानी मेड़ता बनाई –
-
- (अ) वत्सराज -1
- (ब) भोजराज -1
- (स) नागभट्ट -1
- (द) देवपाल -1
उत्तर : नागभट्ट -1
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता जीतकर अपनी राजधानी बनाया। इतिहास मे इसे नाहड़ के नाम से जाना जाता है। नागभट्ट प्रथम की रानी जज्जिका देवी से भोज व तात नामक दो पुत्र हुए।
- प्रश्न 35 निम्न में से कौन सा शासक गोड़ (बंगाल) में भोज-प्रथम का समकालीन था –
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- (अ) रामभद्र
- (ब) काकूका
- (स) देवपाल
- (द) त्रिलोचनपाल
उत्तर : देवपाल
व्याख्या :
मिहिर भोज (लगभग 836-885 ई.), जिन्हें भोज प्रथम के नाम से भी जाना जाता है, एक गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा थे। देवपाल धर्मपाल का पुत्र एवं पाल वंश का उत्तराधिकारी था। इसे 810 ई. के लगभग पाल वंश की गद्दी पर बैठाया गया था।
- प्रश्न 36 निम्नलिखित प्रतिहार शासकों में से किसने मण्डोर को बदलकर मेड़ता को राजधानी बनाया –
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- (अ) हरिशचन्द्र
- (ब) नागभट्ट प्रथम
- (स) वत्सराज
- (द) देव राज
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता जीतकर अपनी राजधानी बनाया। इतिहास मे इसे नाहड़ के नाम से जाना जाता है। नागभट्ट प्रथम की रानी जज्जिका देवी से भोज व तात नामक दो पुत्र हुए।
- प्रश्न 37 ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की –
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- (अ) नागभट्ट प्रथम ने
- (ब) नागभट्ट द्वितीय ने
- (स) मिहिरभोज ने
- (द) वत्सराज ने
उत्तर : नागभट्ट द्वितीय ने
व्याख्या :
नागभट्ट द्वितीय ने धर्मपाल को हराकर ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की।
- प्रश्न 38 प्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है –
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- (अ) नागभट्ट प्रथम
- (ब) वत्सराज
- (स) मिहिरभोज
- (द) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार वंश का प्रथम प्रतापी शासक हुआ, जिसने अपनी राजधानी मण्डौर से मेड़ता, मेड़ता से भीनमाल और अंत में उज्जैन को बनाया।
- प्रश्न 39 ‘रणहस्तिन’ की उपाधि धारण की थी –
-
- (अ) मिहिरभोज ने
- (ब) वत्सराज ने
- (स) नागभट्ट प्रथम ने
- (द) महेन्द्रपाल प्रथम ने
उत्तर : वत्सराज ने
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम के बाद वत्सराज प्रतापी शासक हुए। इन्होंने रणहस्तिन की उपाधि धारण की। इनके समय कुवलयमाला की रचना हुई। वत्सराज ने ओसियां में महावीर स्वामी का जैन मंदिर बनाया था।
- प्रश्न 40 मण्डौर के प्रतिहार माने जाते हैं –
-
- (अ) ब्राह्मण
- (ब) वैश्य
- (स) शुद्र
- (द) क्षत्रिय
उत्तर : क्षत्रिय
व्याख्या :
गुर्जर-प्रतिहारों की 26 शाखाओं में से सबसे प्राचीन एवं महत्वपूर्ण मण्डौर के प्रतिहार थे।
- प्रश्न 41 ग्वालियर प्रशस्ति में किस शासक को ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया है –
-
- (अ) वत्सराज
- (ब) नागभट्ट प्रथम
- (स) मिहिरभोज प्रथम
- (द) रामभद्र
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम को जालौर, अवंति और कन्नौज के गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक कहा जाता है। इनका दरबार ‘नागावलोक का दरबार’ कहलाता था।
- प्रश्न 42 गुर्जर-प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट शासन केन्द्रीय राजतंत्र नहीं थे –
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- (अ) सही है
- (ब) गलत है
- (स) पता नहीं
- (द) भ्रमित है
उत्तर : गलत है
व्याख्या :
गुर्जर-प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट शासन केन्द्रीय राजतंत्र थे।
- प्रश्न 43 राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिश्चन्द्र की राजधानी थी –
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- (अ) मेड़ता
- (ब) जालौर
- (स) भीनमाल
- (द) मण्डोर
उत्तर : मण्डोर
व्याख्या :
गुर्जर-प्रतिहारों की 26 शाखाओं में यह शाखा सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण थी। जोधपुर और घटियाला शिलालेखों के अनुसार हरिशचन्द्र नामक ब्राह्मण के दो पत्नियां थी। एक ब्राह्मणी और दूसरी क्षत्राणी भद्रा। क्षत्राणी भद्रा के चार पुत्रों भोगभट्ट, कद्दक, रज्जिल और दह ने मिलकर मण्डौर को जीतकर गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापना की।
- प्रश्न 44 गुर्जरों को किस शासक ने पराजित किया –
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- (अ) प्रभाकरवर्धन
- (ब) राज्यवर्धन
- (स) हर्षवर्द्धन
- (द) शशांक
उत्तर : प्रभाकरवर्धन
व्याख्या :
प्रभाकर वर्धन ने गुर्जरों को हराया और पड़ोसी राज्यों पर अपना नियंत्रण बढ़ाया।
- प्रश्न 45 गुर्जर प्रतिहार वंश के किस शासक ने अपनी राजधानी मण्डोर से मेड़ता स्थानान्तरित की थी –
Librarian Grade III 2018 -
- (अ) कक्कुक
- (ब) रज्जिल
- (स) नागभट्ट
- (द) बाॅउक
उत्तर : नागभट्ट
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता जीतकर अपनी राजधानी बनाया। इतिहास मे इसे नाहड़ के नाम से जाना जाता है।
- प्रश्न 46 सूची- II के साथ सूची- I का मिलान कीजिए और नीचे दिए गए कूट से उत्तर चुनिए:
सूची- I (राजपूत वंश) सूची- II (स्थान) A. चौहान 1. दक्षिण राजस्थान B. प्रतिहार परिहार 2. काठियावाड़ C. चालुक्य / सोलंकी 3. मालवा D. परमार / पवार 4. पूर्वी राजस्थान -
- (अ) A- 4, B- 1, C- 2, D- 3
- (ब) A- 4, B- 3, C- 2, D- 1
- (स) A- 3, B- 1, C-2, D- 4
- (द) A- 4, B- 2, C- 1, D- 3
उत्तर : A- 4, B- 1, C- 2, D- 3
व्याख्या :राजपूत वंश स्थान चौहान पूर्वी राजस्थान प्रतिहार परिहार दक्षिण राजस्थान चालुक्य / सोलंकी काठियावाड़ परमार / पवार मालवा
- प्रश्न 47 नागभट्ट-प्रथम निम्नलिखित में से किस राजवंश से संबंधित है –
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- (अ) परमार
- (ब) गुर्जर-प्रतिहार
- (स) चौहान
- (द) चालुक्य
उत्तर : गुर्जर-प्रतिहार
व्याख्या :
प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया। बाद में में इन्होंने उज्जैन को अपने अधिकार में कर लिया एवं उज्जैन उनकी शक्ति का प्रमुख केन्द्र हो गया। ये बड़े प्रतापी शासक थे इनका दरबार ‘नागावलोक का दरबार’ कहलाता था।
- प्रश्न 48 मण्डौर के प्रतिहार माने जाते हैं –
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- (अ) ब्राह्मण
- (ब) वैश्य
- (स) शुद्र
- (द) क्षत्रिय
उत्तर : क्षत्रिय
व्याख्या :
मण्डौर के प्रतिहार को क्षत्रिय माना जाता है।
- प्रश्न 49 किस राजा के वंशज गुर्जर प्रतिहार कहे जाने लगे –
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- (अ) चक्रायु
- (ब) धर्मपाल
- (स) नागभट्ट द्वितीय
- (द) वासुदेव द्वितीय
उत्तर : नागभट्ट द्वितीय
व्याख्या :
नागभट्ट द्वितीय वत्सराज के उत्तराधिकारी थे। इन्होंने 816 ई. में कन्नौज पर आक्रमण कर चक्रायुद्ध को पराजित किया तथा कन्नौज को प्रतिहार वंश की राजधानी बनाया। हर्षनाथ प्रशस्ति के अनुसार इसके दरबार में चौहान गुवक प्रथम को वीर की उपाधि दी गई थी।
- प्रश्न 50 निम्नलिखित में से प्रतिहार राजा नागभट्ट प्रथम के बारे में कौन-सा कथन सही है –
Police Constable Exam (13 May 2022 Shift-1) -
- (अ) वे वत्सराज के पुत्र थे।
- (ब) उन्होंने लगभग 50 वर्षों तक शासन किया।
- (स) उनकी मृत्यु के बाद महिपाल और भोज द्वितीय के बीच उत्तराधिकार बनने के लिए युद्ध हुआ।
- (द) उन्होंने सिंध के अरब शासकों को हराया जो राजस्थान, गुजरात, पंजाब आदि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे।
उत्तर : उन्होंने सिंध के अरब शासकों को हराया जो राजस्थान, गुजरात, पंजाब आदि पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे।
व्याख्या :
प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने आठवीं शताब्दी में भीनमाल पर अधिकार कर उसे अपनी राजधानी बनाया। बाद में में इन्होंने उज्जैन को अपने अधिकार में कर लिया एवं उज्जैन उनकी शक्ति का प्रमुख केन्द्र हो गया। ये बड़े प्रतापी शासक थे इनका दरबार ‘नागावलोक का दरबार’ कहलाता था। इनके समय में सिन्ध की ओर से बिलोचों ने आक्रमण किया और अरबो ने अरब से। नागभट्ट ने इन्हें अपनी सीमा में घुसने नहीं दिया जिससे उनकी ख्याति बहुत बढ़ी। इन्हें ग्वालियर प्रशस्ति में ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया है।